Tuesday, October 2, 2007

अनंत आकाश में

मैं जो कहूँ
कि कोई पुष्प ले रहा है आकार
तुम्हरे पश्चात.

कोई अज्ञात
हर लेना चाहता है मेरी उदासी
किन्तु
रेत कण सी बिखर जाती है प्रतीक्षा
अनंत आकाश में.

Tuesday, September 25, 2007

बस एक बार

और क्या कुछ न किया तुमने
मुझे पिरोया अपने हर अंग में.

अब कोई उलीचता है
तुम्हारी याद के घड़े भर-भर
कुछ भीगता फिर भी नहीं.

एक कामना
पुलकित हो मचल जाती है
पुनः पिरोलो एक बार,
बस एक बार.

Wednesday, August 8, 2007

मेरा आश्रय

स्मृति के सघन में
रात चुनती रहती है सम्बन्धों के शेष

मैं उधड़ जाऊं सत्य की तरह
तब तुम्हारे अंक में मिले ठौर.

तुम्हारा आलिंगन
मेरा आश्रय है.

Thursday, July 19, 2007

आवृतियाँ

पिया
उदासी का झरोखा
बनता है
पीर की दग्ध सलाखों से.

दूर से चमकती हैं
रक्ताभ रेखाओं के बीच
दुखों की आवृतियाँ.

इकहरा है सबकुछ
सबकुछ जो है मेरे विपरीत.

मोरपंख
रात्रि में खो देता है आभा
मन नहीं खोता कोई भी रंग.

Wednesday, July 4, 2007

लेख

नहीं हो पाया उजला
उसका लिखा काला लेख.

सलाइयों से उधेड़ रहा है जीवन के
जीवन को बुनने वाला.

अश्रु समझते हैं, प्रत्येक भाषा नुकीली.

Saturday, May 26, 2007

रात की कोरी छुअन

एक अजीर्ण चाँद जब आसमान में नहीं होता
तब भी चमकता है
ज्यों मेरी निद्रा मुझ तक नहीं आती
तब होती है तुम्हारे पास.

अधरों की सुवास
रात की कोरी छुअन की किनारी से
उतरती है आँगन.

एक लौ की तरह टिमटिमाती
कविता
अंकित होती है जीवन पृष्ठ पर.



Friday, May 25, 2007

प्रेम की आस का

सुनो कोई स्मृति नहीं सुकोमल
कोई दृश्य नहीं सुशोभित
एक तुम नहीं तो
कुछ  नहीं.

हर रात सिकती है कोई सिसकी
गंध तपिश की
पपड़ी के चटकने का स्वर

क्या है था मेरे भाग में
तुम्हारी ठोकरें
तुम्हारा तिरस्कार
और तुम्हारा अबोला

क्या कभी न था
प्यार भी करें और खुश भी रह लें.
एक तुम्हें छू लूं एक तुम्हें ओढ़ लू
एक देखूं जी भरकर  तुम्ही को

कोई फरेब भी न बचा कहीं
झूठे प्रेम की आसा का

Tuesday, May 15, 2007

मैं


जड़ें शुष्क धरातल में हैं 
किन्तु पल्लवित 
मनुष्यों के असीम अनंत दृश्य में होना हुआ. 
भाग्य की रेखाओं से आती वायु के वेग में 
मेरी उम्र के बरस बर्फ के मैदानों तक बिखरे. 
वेदों  की भाषा का अध्ययन, प्रसार, शिक्षण की कामना. 
मेरी निर्दोष दृष्टि मेरा सम्मान.
तेरी चाहना मेरा अंतस. 
तेरा होना मेरा होना.
जब कभी उदासी तुमको अपने पास बुलाएगी, 

मेरी छुअन लौटा लाएगी तुमको.