Wednesday, August 8, 2007

मेरा आश्रय

स्मृति के सघन में
रात चुनती रहती है सम्बन्धों के शेष

मैं उधड़ जाऊं सत्य की तरह
तब तुम्हारे अंक में मिले ठौर.

तुम्हारा आलिंगन
मेरा आश्रय है.